नई दिल्ली
30 मई 2019 को शपथ ग्रहण समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत सभी केंद्रीय मंत्रियों ने शपथ ली। चुने गए मंत्रियों मे से साधारण लिबास में एक शख्स शपथ लेने के लिए मंच पर पहुंचता है तो दर्शक दीर्घा में बैठे मेहमान उसका जोरदार तालियों के साथ स्वागत करते हैं। ओड़ीशा के बालासोर लोकसभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव जीतकर यह शख्स लोकसभा पहुंचता है। अचानक सोशल मीडिया पर इनके सादगी के किस्से और साइकिल की तस्वीर वायरल होने लगती है। तस्वीर लगाकर सोशल मीडिया में ऐसी कहानियों का वर्णन किया गया की मानों इन्ही के कारण गंगा माता शिव जी की जटाओं से निकलकर धरती पर अवतरित हुई हों। मगर अब सच्चाई कुछ और ही बताती है, जो अब सामने आ रही है। दरअसल, मीडिया ने जिसे संत बना के प्रचारित किया वास्तव में वह सन्त नहीं बल्कि अनेक अपराधों का आरोपी है।
प्रताप चन्द्र सारंगी ओडिशा के बालासोर से सांसद चुने गए हैं। वहां उनकी टक्कर बीजेडी एमपी रबिन्द्र कुमार जेना और ओडिशा समिति अध्यक्ष निरंजन पटनायक के बेटे नवज्योति पटनायक से थी। सारंगी नीलगिरी से दो बार (2004 और 2009) विधायक चुने जा चुके हैं। अक्टूबर 2014 से जनवरी 2015 तक सारंगी ने राज्य मे बीजेपी उपाध्यक्ष का पद संभाला। वे ओडिशा विश्व हिन्दू परिषद् के संयुक्त सचिव भी रहे।
अपनी सादगी के लिए मशहूर रहने वाले सारंगी इस बार अपने ऊपर दर्ज मुकदमों के कारण चर्चा में हैं। सारंगी ने अपने चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र किया है की उनके ऊपर कुल 7 मामलों में क्रिमिनल केस चल रहे हैं। जिस आपराधिक मामले की चर्चा सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा है वह यह है की वर्ष 1999 में एक हिन्दू भीड़ ने ऑस्ट्रेलियाई ईसाई मिशनरी ग्राहम स्टेंस और उनके दो बच्चों को बेरहमी से मार डाला। उस दौरान प्रताप चन्द्र सारंगी हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के नेता हुआ करते थे। ग्राहम ओडिशा में कुष्ठ रोगियों के लिए काम किया करते थे। मामले की जांच के लिए वाधवा कमिटी का गठन किया गया। सीबीआई, उड़ीसा पुलिस की अपराध शाखा, और वाधवा कमिटी सभी ने निष्कर्ष निकाले कि स्टेंस ग्राहम की हत्या के पीछे आदिवासियों का धर्मांतरण एक प्रेरक कारण था। पुलिस ने 49 बजरंग दल सदस्यों समेत भीड़ का नेतृत्व कर रहे बजरंग दल कार्यकर्ता दारा सिंह की गिरफ्तारी की थी।
एक लंबे मुकदमे के बाद, 2003 मे दारा सिंह और 12 अन्य लोगों को दोषी ठहराया गया था। लेकिन उड़ीसा के उच्च न्यायालय ने दो साल बाद सिंह को मौत की सजा सुनाई। मारपीट, आगजनी, मारपीट और हिन्दू राइट विंग संगठनों जिनमे बजरंग दल शामिल था द्वारा उड़ीसा राज्य विधानसभा पर 2002 के हमले के बाद सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए सारंगी की गिरफ्तारी की गई।
सारंगी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। गोदी मीडिया उनकी छवि को साफ़ और साधारण बता रहा है।गुरूवार को मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनके समर्थक मिठाई बांटते देखे गए। यहाँ तक की उन्हें ओडिशा का ‘मोदी’ कहा जा रहा है। अपने चुनावी क्षेत्र मे सारंगी साइकिल से प्रचार करते थे। विधानसभा साइकिल से जाया करते थे। पहले चाय वाला मोदी और अब साइकिल वाला मोदी।