नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव में जहां एक ओर बीजेपी ने प्रचंड बहुमत हासिल की तो वहीं कांग्रेस को मिली बुरी तरह से हार के बाद पार्टी में खलबली मच गई है. राहुल गांधी कांग्रेस पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं, जबकि पार्टी के बाकी नेता उन्हें ऐसा न करने के लिए आग्रह कर रहे हैं. वहीं, पंजाब के मंत्री व पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू पर अपनी ही पार्टी के कटघरे में खड़ा होना पड़ रहा है. फिलहाल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद सिद्धू किसी भी तरीके का राजनैतिक बयान नहीं दे रहे. वह मीडिया से दूर हैं और सोशल मीडिया पर शायराना अंदाज में ट्वीट कर रहे हैं.
हमें मुजरिम ना यूँ समझना, बड़ा अफसोस होता है,
महाबदौलत के अदब से हम यहां तशरीफ़ लाए हैं,
पलट देते हैं मौजे तूफ़ान अपनी जुर्रत से,
हमने आंधियों में भी चिराग अक्सर जलाए हैं।— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) May 29, 2019
नवजोत सिंह सिद्धू ने बुधवार को एक और ट्वीट किया है. इस ट्वीट में भी सिद्धू ने लिखा, ”हमें मुजरिम ना यूं समझना, बड़ा अफसोस होता है, महाबदौलत के अदब से हम यहां तशरीफ़ लाए हैं, पलट देते हैं मौजे तूफ़ान अपनी जुर्रत से, हमने आंधियों में भी चिराग अक्सर जलाए हैं”. बता दें, सोशल मीडिया पर लोग सिद्धू के इस ट्वीट को अपने-अपने तरीके से कयास लगा रहे हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में सिद्धू बीजेपी में थे और अमृतसर से उनकी जगह भाजपा ने वर्तमान वित्त मंत्री अरुण जेटली को सीट दे दी थी, हालांकि उन्हें यहां से चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरा दिया था.
नवजोत सिंह सिद्धू की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाया. हालांकि वह लंबे समय के लिए बीजेपी में नहीं टिक सके और इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर ली. विधानसभा चुनाव हुए और पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने के बाद सिद्धू को मंत्री बनाया गया. तब से लेकर अभी तक दोनों ही कांग्रेस नेताओं के बीच कुछ न कुछ एक-दूसरे के लिए बयान आते रहे हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मची खींचतान के बीच पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा था कि अगर राज्य में कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो वह मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे देंगे.