दिल्ली ब्यूरो
सऊदी अरब में फंसे करीब 50 मज़दूरों में से 10 मज़दूर वतन वापस आ गए। इन मज़दूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से वापसी कराने की अपील की थी। इस मामले में कई समाजी संगठनों ने पहल की। एएमयू एल्यूमिनी एसोसिएशन की महाराष्ट्र यूनिट के सदर और सोशल वर्कर तनवीर आलम ने इस मामले में शानदार रोल अदा किया।
तनवीर आलम ने पीएनएस न्यूज़ एजेंसी को बताया यहां कई एजेंसिया फर्जी तरीके से मज़दिरों को सऊदी अरब भेज रही हैं। ये मज़दूर वहां नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं। तनवीर आलम ने बताया कि 10 लोगों की वापसी हुई है, करीब 15 से ज़्यादा लोग फंसे हुए हैं। इनकी भी वापसी की कोशिश की जा रही हैं।
तनवीर आलम ने बताया कि इससे पहले 15 लोगों की वापसी हो चुकी है। फंसे लोगों की वतन वापसी के लिए वह लगातार कोशिश कर रहे हैं और सऊदी अरब में हिंदुस्तानी कौंसिल से लगातार संपर्क में हैं। सऊदी अरब के जेद्दा और जुबैल शहर में फंसे वर्करों को निकालने के लिए उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को खत लिख कर मदद करने की मांग की है।
तनवीर आलम ने बताया कि वर्करों ने खत लिख कर बताया था कि उन्हें 6 महीने से तनख्वाह नहीं मिल रही है और न ही कंपनी उनके खाने-पीने का इंतज़ाम कर रही है। इसी बीच एक वर्कर की मौत भी हो चुकी है। जिन मज़दूरों की वतन वापसी हुई है उनमें फख्रुद्दीन, मुज़ाहिर मिया, मोहम्मद कारी, आज़ाद शर्मा, मुकीम अहमद, मोहम्मद रहीमुद्दीन, उसमान अली, अफज़ल हुसैन और सलीम अहमद शामिल हैं।