तेहरान, ईरान
ईरान की संसद ने मंगलवार को अमेरिका की सभी सेनाओं को आतंकी संगठन घोषित कर दिया। इसके लिए संसद में बिल पास किया गया। स्थानीय मीडिया के मुताबिक बिल के समर्थन में 215 में से 173 सांसदों ने वोट दिए। बिल में कहा गया है कि सरकार ईरान के हितों को खतरे में डालने वाली अमेरिकी सेनाओं के खिलाफ कार्रवाई करे। ये सेनाएं ईरान के सरहदी इलाकों में आतंकी गतिविधियां चला रही हैं। सरकार को अमेरिकी कार्रवाई के जवाब में कानूनी, राजनीतिक और कूटनीतिक तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए।
संसद में पेश बिल में यह भी कहा गया है कि सरकार उन देशों के खिलाफ भी कार्रवाई करे, जो ईरान के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई का साथ दे रहे हैं। ईरानी संसद का इशारा सऊदी अरब, बहरीन और इजरायल की तरफ था। दरअसल, सोमवार को अमेरिका ने घोषणा की कि वह अब किसी देश को ईरान से तेल खरीदने की छूट नहीं देगा। यह छूट मई से पूरी तरफ खत्म मानी जाएगी।
दरअसल अमेरिका और ईरान के बीच सेनाओं को लेकर टकराव लगातार चल रहा है। दो हफ्ते पहले अमेरिका ने ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स को आतंकी संगठन घोषित कर दिया था। अमेरिका ने अपने बैंकों को निर्देश दिए थे कि वे आईआरजीसी के किसी भी सदस्य से लेन-देन नहीं करे। अगले दिन इसके जवाब में ईरान ने भी अमेरिका की सेंट्रल कमांड या सेंटकॉम सेना को आतंकी संगठन घोषित किया था। यह सेना मध्य क्षेत्र में सक्रिय है।
ईरान के निशाने पर अमेरिका के 3 साथी देश सऊदी अरब, इजरायल और बहरीन भी हैं। दरअसल, अमेरिका का कहना है कि दुनिया के देशों को ईरान की बजाय सऊदी अरब और यूएई से तेल लेना चाहिए। अमेरिका इसमें मदद करेगा। इन देशों ने तेल की वैश्विक मांग पूरी करने पर सहमति जताई है। जहां तक बहरीन की बात है, यहां अमेरिका के 4500 सैनिक तैनात हैं। अमेरिका को लेकर ही इजरायल से ईरान की शुरू से तनातनी रही है।