भोपाल, मध्य प्रदेश
ब्लास्ट की आरोपी आरएसएस की हिंदू ब्रांड महिला नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भाजपा से टिकट तो मिल गया लेकिन इसी के साथ उनके विवाद भी शुरू हो गए। प्रज्ञा ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे पर दिए गए विवादित बयान को लेकर पूरे देश में आलोचना हो रही है। इस मामले में देर से जागे चुनाव आयोग ने शहीद हेमंत करकरे वाले बयान का संज्ञान ले लिया है।
मध्य प्रदेश के मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 26/11 के शहीद के खिलाफ बायन देने को लेकर भोपाल लोकसभा सीट की प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ शिकायत मिली है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
आईपीएस एसोसिएशन भड़का
आईपीएस एसोसिएशन ने हीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन ने ट्वीट किया, ‘अशोक चक्र से सम्मानित दिवंगत आईपीएस हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। हम सभी ने एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान की निंदा की है। ऐसा बयान शहीद हेमंत करकरे का अपमान है। हमनें मांग की कि सभी शहीदों के बलिदान का सम्मान किया जाए।
प्रज्ञा ने क्या बोला
मालूम हो कि एक बयान में साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि 26/11 हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली। उनके कर्म ठीक नहीं थे, इसलिए उन्हें संन्यासियों का श्राप लगा था। साध्वी प्रज्ञा ने कहा, ‘जिस दिन मैं जेल गई थी उसके 45 दिन के अंदर ही आतंकियों ने उसका अंत कर दिया।’
मुंबई में हुआ था हमला
वर्ष 2008 में हुए 26/11 मुंबई हमले में मारे गए 166 लोगों के अलावा आतंकियों की गोलियों से मुंबई एटीएस चीफ हेमंत करकरे, एसीपी अशोक कामटे और एनकाउंटर विशेषज्ञ विजय सालस्कर सहित 17 पुलिसकर्मी भी शहीद हो गए थे।
बयान पर कायम है प्रज्ञा सिंह
साध्वी प्रज्ञा सिंह इस मामले में विवाद बढ़ने के बाद भी अपने बयान पर कायम हैं। उनसे जब एक बार फिर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि ‘मुझसे पूछे गए प्रश्नों का जवाब मैं नहीं देती, ठाकुरजी देते हैं।’