Breaking
22 Nov 2024, Fri

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बुधवार को कांग्रेस में शामिल हुए। पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा आज दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए और बीजेपी के स्थापना दिवस के दिन ही उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ दिया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर भारी मन से पार्टी छोड़ रहा हूं। कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में भी उन्हें जगह दी है। चर्चा है कि वह अपनी मौजूदा सीट बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र को तानाशाही में तब्दील होते हुए देखा। मार्गदर्शकों को दरकिनार करते हुए उन्हें साइड कर दिया गया। न केवल आडवाणीजी बल्कि यशवंत सिंह, मुरली मनोहर जोशी, अरुण शौरी, यशवंत सिन्हा जैसे लोगों को साइड कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि वन मैन शो और टू मेन आर्मी। किसी बच्चे से पांच मंत्रियों का नाम पूछ दिया जाए तो अटक जाएंगे।

इससे पहले केसी वेणुगोपाल ने कहा कि एक सही नेता गलत पार्टी में थे, अब सही पार्टी में आ गए हैं। बिहार कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि शत्रुघ्न सिन्हा एक शानदार अभिनेता ओर नेता हैं। इनकी फितरत रही है कि जब कोई झूठ बोलता है, तो ये कहते हैं ‘खामोश’। मैं गुजरात से आता हूं और मोदी-शाह की जोड़ी को जानता हूं। वहां(भाजपा में) डिक्टेटरशिप है।

इस दौरान मोबाइल पर उन्होंने एक के बाद एक वीडियो क्लिप दिखाया कि कैसे नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी का एक-दूसरे पर हमलावर रहे थे। यह वीडियो पिछले चुनावों के समय का था। वह 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, लेकिन बिहार में महागठबंधन में सीटों को लेकर फंसे पेच के बीच मामला अटक गया। सिन्हा ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बताया था कि वह छह अप्रैल को कांग्रेस में शामिल होंगे। सिन्हा ने कहा था कि जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहा हूं, नवरात्र के बाद अच्छी खबर मिलेगी।

औपचारिक तौर पर सदस्यता लेने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने उन्हें पार्टी में शामिल होने को प्रेरित करने वाले नेताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने संबोधन के दौरान शक्ति सिंह गोहिल का नाम लेते हुए गलती से कांग्रेस की जगह भाजपा का नाम ले लिया और उन्हें भाजपा का बैक बोन बता दिया। मीडिया के टोकने पर उन्होंने हंसते हुए जवाब दिया कि अभी नया हूं। कुछ दिन में आदत हो जाएगी।
कांग्रेस उन्हें पटना साहिब सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट से वह लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर जीत चुके हैं। भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट दिया है। पार्टी में शामिल होने से पहले ही कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह दी है।

भाजपा में रहते हुए लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की आलोचना करने की वजह से पार्टी ने इस बार शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दे दिया है। मालूम हो कि रविशंकर और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही कायस्थ वर्ग से आते हैं। इस सीट पर इस वर्ग के वोटर बड़ी संख्या में हैं। पिछले चुनाव में इसी वोट बैंक के कारण जदयू ने भी सिन्हा के करीबी डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा को मैदान में उतारा था। हालांकि साल 2009 और 2014 के पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में शत्रुघ्न सिन्हा को 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का समर्थन(वोट) मिला था।

शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1984 में हुई, जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। पार्टी ने उनके व्यक्तित्व और दमदार आवाज के कारण स्टार प्रचारक बनाया। 1996 और 2002 में एनडीए की ओर से वह राज्यसभा सांसद के लिए चुने गए। 2003-2004 में कैबिनेट मंत्री बने। उसके बाद 2009 और 2014 में बिहार की पटना साहिब सीट से वह सांसद चुने गए।

लाल कृष्ण आडवाणी उन्हें राजनीति में लेकर आए थे। आज, जब टिकट कटने के साथ आडवाणी युग की समाप्ति का संकेत दिया जा रहा है तो पार्टी में शत्रुघ्न की भी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। कांग्रेस में उनकी राजनीति की दूसरी पारी शुरू हो रही है।

By #AARECH