लखनऊ, यूपी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर कुछ संगठन और लोग लगातार धमकी भरे बयान दे रहे हैं। ये लोग संविधान के खिलाफ जाकर कोर्ट और सरकार को चैलेंज कर रहे हैं। बोर्ड का कहना है कि सरकार और कोर्ट को ऐसे बयानों पर तुरंत रोक लगाना चाहिए। साथ ही ऐसी संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
दरअसल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की बैठक राजधानी लखनऊ में हुई। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और प्रवक्ता जफरयाब जीलानी एडवोकेट ने कहा कि अयोध्या मामले में अगर राम मंदिर निर्माण के लिये संसद में अध्यादेश लाया गया तो मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में उसे चुनौती देगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में कानून बनाकर मंदिर निर्माण के बाबत हो रही बयानबाज़ी पर रविवार को लखनऊ के नदवा कालेज में आयोजित बोर्ड की कार्यकारिणी बैठक में खुलकर चर्चा हुई। इसके साथ ही कई मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गयी।
पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में हुई। इसमें बोर्ड के अहम सदस्य सांसद असदुद्दीन ओवैसी, मौलाना वली रहमानी, कमाल फारूकी, मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खलीलुर्रहमान सज्जाद नोमानी, मौलाना अरशद मदनी, ड़ असमा ज़ोहरा समेत कई सदस्य मौजूद थे।
इस पहले शनिवार को लखनऊ में पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग की कार्यशाला में बोर्ड के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने कहा था कि इस्लामी शरीअत औरतों की सुरक्षा करने वाली है। यह शरीअत कयामत तक कायम रहेगी। ‘तहफ्फुज-ए-शरीअत व इस्लाह-ए-माअशरा’ शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला में बोर्ड की कार्यकारिणी के सदस्य और प्रवक्ता जफरयाब जीलानी एडवोकेट ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के पैगाम, मकसद और इसके फैसलों को मुसलमानों के घर-घर तक पहुंचाने के लिए बोर्ड की महिला विंग की स्थापना की गयी है।
इसी कार्यक्रम में इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि वह एक अच्छे समाज की स्थापना में भरपूर हिस्सा लें और इस्लामी शरीअत में महिलाओं को दिये गए अधिकारों से लोगों को अवगत करवाएं।