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23 Nov 2024, Sat

मुंबई, महाराष्ट्र

साल 2008 मालेगांव बम ब्लास्ट मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की याचिका को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने खारिज करते हुए आरोप तय कर दिए हैं। लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रजा सहित पांचो दोषियों पर आरोप तय किए गए हैं।  एनआईए की विशेष अदालत ने साल 2008 के मालेगांव बम धमाका मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित अन्य के खिलाफ आरोप तय किए हैं। मालेगांव मामले में सभी सात आरोपियों के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं।

इस मामले में सातों आरोपियों पर आतंकवाद की साजिश रचने सहित हत्या और अन्य अपराध का आरोप भी दर्ज किया है। सभी आरोपियों पर आईपीसी की गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए) और आईपीसी की धाराओं के तहत इन पर मुकदमा चलाया जाएगा। इस मामले में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।

ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश वीएस पडलकर ने कहा कि सभी आरोपियों पर अभिनव भारत संस्था बनाने और 2008 में मालेगांव धमाका करने का आरोप लगाया जाता है जिसमें छह लोग मारे गए थे। 29 सितंबर 2008 को हुए इस धमाके में छह लोगों की जान चली गई थी 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।

मालेगांव ब्लास्ट मामला
महाराष्ट्र के मालेगांव के अंजुमन चौक और भीकू चौक पर 29 सितंबर 2008 को बम धमाके हुए थे। इनमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 101 लोग घायल हुए थे। इन धमाके के लिए एक मोटरसाइकिल इस्तेमाल की गई थी। इस मामले की शुरुआती जांच महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते ने की थी, जो बाद में एनआईए को सौंपी दी गई थी। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी एक अभियुक्त हैं। उन्हें बीती अप्रैल में ही बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से जमानत दे दी गई है।

कौन हैं कर्नल पुरोहित
मालेगांव ब्लास्ट मामले में अभियुक्त बनाए गए कर्नल श्रीकांत पुरोहित का संबंध दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत से बताया जाता है। बॉम्बे हाइकोर्ट ने एनआईए की रिपोर्ट के आधार पर कहा था, पुरोहित वह हैं जिन्होंने हिंदू राष्ट्र के लिए अलहदा संविधान बनाने के साथ, एक अलग भगवा झंडा बनाया। उन्होंने हिंदुओं पर मुस्लिमों के अत्याचार का बदला लेने पर भी विचार-विमर्श किया।