नई दिल्ली
केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ रिश्वत के आरोपों के संबंध में सोमवार को बड़ी कार्रवाई की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में एजेंसी ने डीएसपी देवेन्द्र कुमार को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीआई प्रमुख और उप प्रमुख को तलब किया है।
सीबीआई ने डीएसपी देवेंद्र कुमार के घर पर रेड मारकर 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड जब्त किया। साथ ही मोइन कुरेशी केस से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अब सीबीआई गिराफ्तार डीएसपी को कल 11 बजे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करेगी।
सीबीआई के मुताबिक, सतीश सना 26 अक्टूबर को दिल्ली में नहीं था, वो हैदराबाद में था, जबकि देवेंद्र ने 26 तारीख को उसका फर्जी स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर दिया। ये स्टेटमेंट 161 का है सवाल-जवाब के रूप में हैं। सवाल नंबर 5 में पूछा गया था कि तुमने किसी भी नोटिस का जवाब नही दिया, तुमने ये कैसे सोच लिया कि तुम्हारी जांच प्रकिया पूरी हो गयी है। ..उसका जवाब था कि वो राज्यसभा मेंबर से मिला था जिन्होंने बोला था कि उनकी सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा से बात हो गयी है अब तुम्हे पूछताछ के लिए नोटिस नहीं आएगा।
गौरतलब है कि राकेश अस्थाना पर आरोप है कि मीट निर्यातक मोइन कुरैशी की संलिप्तता वाले एक मामले की जांच में एक कारोबारी को राहत देने के लिए उन्होंने कथित तौर पर घूस ली थी। राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना ने दावा किया है कि उसने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को पिछले साल 3 करोड़ रुपये दिए थे। सीबीआई ने सतीश साना की शिकायत के आधार पर अपने विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
बता दें कि दो महीने पहले अस्थाना ने कैबिनेट सचिव से सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ यही शिकायत की थी। दरअसल, राकेश अस्थाना ने सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के खिलाफ आरोप लगाया था कि उन्होंने सतीश सना को केस से निकलवाने के लिए 2 करोड़ रुपये लिए हैं। इस बयान को सही साबित करने के लिए ही ये फर्जी स्टेटमेंट लिए गए। ये बयान केस के जांच अधिकारी देवेंद्र कुमार ने लिए थे।