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22 Nov 2024, Fri

बिहार में 29 मासूमों से रेप: लखनऊ के लोगों ने दर्द महसूस किया

MUZAFFARPUR GIRLS RAPE CASE PROTEST 1 300718

लखनऊ, यूपी

राज्य के बिहार के बालिका-आश्रय गृह में बच्चियों के यौन-शोषण का मामला प्रकाश में आए दो महीने हो गये। इस मामले की जांच के प्रति सरकार की ढिलाई स्पष्ट दिखी। एक तरफ तो आश्रय-गृह के संचालक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस उसे रिमांड पर नहीं ले पायी, दूसरी ओर दो महीने बीत जाने और इस मामले में एक मंत्री के पति का नाम उछलने के बाद सरकार कुछ करने का अहसास दे रही है।

इस मामले में खासकर जब विपक्ष ने दवाब बनाया है। मामला लोकसभा में उठा या नेता प्रतिपक्ष ने बिहार के दोनो सदनों में उठाया। उधर पटना हाई कोर्ट का रुख भी सख्त रहा तो सीबीआई जांच की अनुशंसा की गयी है। यह मामला राज्य-संरक्षित यौन शोषण का है। यह बड़े पैमाने पर संगठित यौन-शोषण का पहला मामला है। इसका दायरा पूरे राज्य तक फैला है। राज्य संरक्षित यौन हिंसा के खिलाफ राइड फ़ॉर जेण्डर फ्रीडम, एनएफआईडवल्यू, ऐपवा, वेब पोर्टल स्त्रीकाल और टेढ़ी उंगली द्वारा शिरोज़ कैफ़े, गोमतीनगर पर 30 जुलाई को 4 बजे से प्रदर्शन की घोषणा के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन और समर्थन में लोग आगे आये हैं।

इस मुहिम से देखते-देखते देश भर से लोग जुड़ने लगे। अभी तक कई शहरों में प्रदर्शन की खबर है। इस आयोजन को गीता प्रभा और जौनपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र आकाश यादव ने कोआर्डिनेट किया। इस मामले में कई लोगों ने अपने विचार रखे-

गीता प्रभा
मुजफ्फरपुर घटना से सीख लेते हुए यूपी सरकार को भी प्रदेश के सभी बालिका गृहों का सोशल ऑडिट करवाये ताकि ऐसी किसी भी घटना को यूपी में दोहराया न जाये।

शिल्पी जी
मुजफ्फरपुर में जो हुआ बहुत ही निंदनीय है। इस घटना को सुनकर मेरी तो रूह कांप गई। समझ मे नहीं आता कि देश किस दिशा में जा रहा है। सरकार को चाहिए कि दोषियों को शख्त से शख्त सज़ा दी जाए। किसी भी आरोपी को नहीं बख्शा जाए।

आकाश यादव
इस घटना को सुनकर ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि हमारा खून ठंडा पड़ जाए या फिर हमारा खून खौल उठे। यूपी सरकार को भी सबक लेते हुए ऐसे सभी ही बालिका गृहों का सोशल ऑडिट कराया जाए ताकि ऐसी किसी भी घटना का चश्मदीद हमारे प्रदेश को न बनना पड़े।

नदीम जी
मेरी खुद एक छोटी बेटी है और आज मैं उसे लेकर बहुत ही ज्यादा चिंतित महसूस कर रहा हूँ। समाज में आज उसे मैं अकेले छोड़ने का साहस नहीं कर सकता हूँ क्योंकि समाज मे मौजूद कुछ दरिंदों ने समाज को रहने लायक नहीं छोड़ा है।

फ्रैंक हुज़ूर
मैं खुद बिहार से आता हूँ और मुजफ्फरपुर मेरे पैतृक निवास से महज 120 किमी ही दूर है। इस घटना ने मुझे सच मे हिला कर रख दिया है। सभी लोगों को चाहिए कि ऐसी घटनाओं के लिए पूरी जोर शोर से आवाज़ उठाए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। नीतीश सरकार कही न कही इस घटना के लिए पूरी तरह से दोषी है। सरकार को सभी आरोपियों को जल्द से पकड़ विक्टिम को इंसाफ देने का काम करे।