डॉ अशफाक़ अहमद
लखनऊ. यूपी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी नई टीम का एलान कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी में 23 सदस्य, 18 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 10 आमंत्रित सदस्यों शामिल किया गया है। इनमें 23 सीडब्ल्यूसी सदस्यों में सिर्फ दो मुस्लिम चेहरे शामिल हैं। वहीं 18 स्थायी आमंत्रित सदस्यों में सिर्फ एक मुस्लिम को जगह मिली है। जबकि 10 आमंत्रित सदस्यों में भी सिर्फ एक मुस्लिम सदस्य शामिल हैं।
सबसे चौकाने वाली बात ये है कि इनमें मुसलमानों को उनके अनुपात में हिस्सेदारी नहीं गई है। हाल ही में राहुल गांधी ने मुसलमानों के एक डेलीगेशन से मुलाकात में कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। इसके बाद काफी हंगामा मचा था। बीजेपी और खुद पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा था। शायद यही वजह है कि सीडब्लयूसी में मुसलमानों को कम जगह दी गई है।
सिर्फ चार मुस्लिम नेताओं को मिली जगह
23 सदस्यीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी में सिर्फ दो मुस्लिम नेताओं को जगह मिली है। इनमें कश्मीर से गुलाम नबी आज़ाद और गुजरात से अहमद पटेल शामिल हैं। वहीं स्थायी आमंत्रित सदस्य में कश्मीर से तारिक हमीद कारा को जगह मिली है। जबकि आमंत्रित सदस्यों में सिर्फ राष्ट्रीय छात्र संगठन के अध्यक्ष फिरोज़ खान को जगह मिली है। फिरोज़ खान भी कश्मीर के रहने वाले हैं।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग की अनदेखी
राहुल गांधी की नई टीम में कांग्रेस के सभी फ्रंटल संगठनों को आमंत्रित सदस्य के रूप में जगह मिली है। वहीं कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग और उसके अध्यक्ष नदीम जावेद की अनदेखी की गई है। सिर्फ कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग को छोड दें तो कांग्रेस मजदूर संगठन यानी इंटक के अध्यक्ष जी संजीव रेड्डी, भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष केशव चंद यादव, एनएसयूआई के अध्यक्ष फिरोज़ खान, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव और कांग्रेस सेवा दल के मुख्य संगठक लालजीभाई देसाई को शामिल किया गया है।
कश्मीर से तीन नेता शामिल
कांग्रेस कार्य समिति के 23 सदस्यों में से दो मुसलमानों को शामिल किया गया है। इनमें एक कश्मीर के गुलाम नबी आज़ाद हैं। वहीं स्थायी आमंत्रित 18 सदस्यों एक तारिक हमीद कारा भी कश्मीर के रहने वाले हैं। सबसे खास बात ये है कि वह 2016 में पीडीपी और संसद की सदस्यता से इस्तीफा देकर वो कांग्रेस में शामिल हुए थे। वहीं एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज़ खान भी कश्मीरी हैं।
यूपी, बिहार, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों के मुस्लिम नेताओं की अनदेखी
एक तरफ कांग्रेस मुसलमानों को अपनी तरफ करने के लिए कई तरह के पैतरे अपना रही है, वहीं उसने यूपी, बिहार, महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों से एक भी मुस्लिम नेता को कार्य समिति में शामिल नहीं किया है। जबकि इन राज्यों में कई मुस्लिम नेता नई टीम में अपना नाम शामिल होने का इंतज़ार कर रहे थे।