डॉ अशफाक़ अहमद
लखनऊ, यूपी
आज की भागदौड़ की ज़िन्दगी में हर व्यक्ति अपने आप को फिट रखना चाहता है। एक तरफ काम का बोझ तो दूसरी तरफ घर की टेंशन उसे बीमार बना देती है। दिनभर भागदौड़ करने वाले लोग हों, स्कूल जाने वाले बच्चे हो या फिर घरेलू महिलाएं… वो अपना काम तो निपटा देते हैं लेकिन अपने आप को स्वास्थ रखने के लिए वो बिल्कुल वक्त नहीं दे पाते। ऐसे में ज़रूरी है कुछ ऐसी टिप्स अपनाई जाए जिससे हमारे शरीर की ऊर्जा बनी रहे और हम स्वस्थ होकर अपने रोज़मर्रा के काम आसानी से कर सके।
इनमें सबसे बेहतर की कि हम अपने खाने-पीने की चीज़ों पर खास ध्यान दें। दरअसल सही तरीके से खानपान न करने पर हमें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है। खानपान में फलों और सब्जियों का कास महत्व है। इनमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी से हमें कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। फिर भी ज़्यादातर बच्चे इन्हें खाने में ना-नुकुर करते हैं।
बच्चों को खाने-पीने पर सर्वे
एक सर्वे के मुताबिक भारत में कक्षा 6 से दस के बीच पढ़ने वाले शहरी बच्चों में से केवल 18 फीसदी ही रोज़ीना फल खाते हैं। सर्वे में देश के ज़्यादातर बच्चों के खाने की खराब आदतों का खुलासा हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात शहरों से थोड़ा बेहतर है। भारत के मेट्रो शहरों में कक्षा 6 से 10 में पढ़ रहे 1,350 बच्चों के माता-पिता के जवाब इस सर्वे में शामिल किए गए। इसका रिजल्ट चौकाने वाला था। इसमें सिर्फ 35 फीसदी बच्चे ही खाने के हिस्से के रूप में सब्जियों का इस्तेमाल करते हैं। सर्वेक्षण में भारत के स्कूली बच्चों के खाने की आदतों के मूल्यांकन में यह भी पाया गया कि उनमें से 50 फीसदी जंक फूड, मिठाई या दूसरी ऐसी खाने की चीज़ों इस्तेमाल करते हैं।
खाने में उत्तम हैं फल और सब्ज़ियां
फल और सब्जियां प्रकृति की शानदार देन हैं। इनमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो हमारे शारीरिक और मानसिक विकास में काफी सहायक होते हैं। ईरा मेडिकल कॉलेज़ में मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर डॉ देवेंद्र कुमार सिंह के मुताबिक, फलों और सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी से कई तरह की बीमारियां होती हैं। डॉ देवेंद्र ने बताया कि विटामिन ए की कमी से रात का अंधापन, मैग्नीशियम की कमी से सामान्य कमज़ोरी, विटामिन की कमी से कुपोषण और पोटैशियम की कमी से अनियमित दिल की धड़कन शामिल है।
प्रोफेसर डॉ देवेंद्र कुमार के मुताबिक फल और सब्जियों का सेवन नहीं करने से कब्ज़ और बवासीर जैसे रोग होने का खबरा बढ़ जाता है। दरअसल फल और सब्जियों में सेलुलोस होता है, जो मल वजन बढ़ाता है, मार्ग को आसान बनाता है और पारगमन समय को कम करता है। इसके अलावा, फलों और सब्ज़ियों में फाइबर होता है, जो कब्ज़ को कम करने या रोकने में काफी मदद करता है। एक रिसर्च से पता चला है कि फल और सब्जियों में पाए जाने वाले फाइबर डॉयवर्टिकुलर रोग के जोखिम को कम कर देता है।
कैंसर रोकने में सहायक है फल और सब्ज़ियां
अमेरिकन इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च (एआईसीआर) के मुताबिक, आमतौर पर कोई भी भोजन कैंसर के खिलाफ हमारी रक्षा करने में सहायक नहीं है लेकिन पौधे आधारित खाद्य पदार्थों से भरा आहार कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है। बीटा कैरोटीन समेत कैरोटीनॉयड-रंगद्रव्य, जो पालक, गहरे नारंगी फल, मीठे आलू, स्क्वैश और गाजर में पाए जाते हैं, कोशिकीय क्षति के खिलाफ सुरक्षा कर सकते हैं। फल और सब्जियां कैलोरी में कम होती हैं इसलिए, कोई भी इसे अधिक खा सकता है और कम कैलोरी से अधिक संतुष्टि महसूस कर सकता है।
दिल की बीमारियां रोकने में सहायक
एक रिसर्च से साबित हुआ है कि फल और सब्जियों से भरपूर आहार हाई बल्ड प्रेशर को कम करता है। ब्लड प्रेशर को कम करने के प्रभाव के कारण, ज़्यादा फल और सब्जियां खाने से दिल की बीमारी और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। फल और सब्जियों में कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, जिससे दिल की बीमारी दूर रहती है। डॉ देवेंद्र के मुताबिक फोटोटैनिक एसिड और विटामिन बी 6 जैसे पोषक तत्वों में कमी, संभवतः उन लोगों में अवसाद का कारण हो सकती है, जो पर्याप्त मात्रा में इसका उपभोग नहीं करते हैं।