इस्तांबुल, तुर्की
तुर्की के राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शानदार जीत हासिल की है। तुर्की में चुनाव कराने वाली एजेंसी शीर्ष चुनाव समिति (वायएसके) के प्रमुख सैदी गुवेन के मुताबिक एर्दोआन ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इन्स को पहले चरण की मतगणना में ही हरा दिया। रजब तैयब को चुनाव में पूर्ण बहुमत मिल गया है। इसके साथ ही सत्ता पर एर्दोआन की पकड़ मज़बूत हो गई है।
वर्ष से राष्ट्रपति एर्दोआन सत्ता पर काबिज़ हैं। शीर्ष चुनाव समिति के प्रमुख सैदी गुवेन ने बताया कि एर्दोआन ने अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इन्स को पूर्ण बहुमत से हरा दिया। उन्होंने बताया कि पहले ही चरण में उन्हें आधे से अधिक वोट मिल चुके थे। इसी वजह से दूसरे चरण की ज़रूरत ही नहीं पड़ी।
तुर्की के मतदाताओं ने पहली बार राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव में मतदान किया है। एर्दोआन अपनी सत्तारूढ़ जस्टिस ऐंड डेवलपमेंट पार्टी के लिए पूर्ण बहुमत की उम्मीए लगाए थे। अप्रैल का एर्दोआन ने मज़बूती से समर्थन किया था। विरोधियों का कहना है कि इससे राष्ट्रपति को निरंकुश शक्तियां मिलेंगी।
तुर्की ने दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया: एर्दोआन
राजधानी इस्तांबुल में अपने आवास से विजयी संदेश में रजब एर्दोआन ने कहा कि मुझ पर देश ने भरोसा जताते हुए राष्ट्रपति पद का कार्य और कर्तव्य सौंपे हैं। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रपति प्रणाली को तेज़ी से लागू किया जाएगा। उन्होंने फीसदी मतदान की ओर संकेत करते हुए कहा तुर्की ने पूरी दुनिया को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया है।
एर्दोआन को मिले 50 फीसदी से ज़्यादा वोट
सरकारी समाचार एजेंसी अनाडोलू की रिपोर्ट के अनुसार प्रतिशत वोटों की गिनती के आधार पर एर्दोआन को राष्ट्रपति चुनावों में प्रतिशत मत मिले हैं। वहीं रिपब्लिकन पीपल्स पार्टी सीएचपी) के उनके प्रतिद्वंद्वी मुहर्रम इन्स को प्रतिशत मत हासिल हुए हैं। मुहर्रम ने चुनाव में एर्दोआन को सबसे ज़्यादा विरोध किया था।
दुनियाभर की लगी रहे निगाहें
वैसे तो तुर्का में पहले भी चुनाव हुए हैं लेकिन इस बार के चुनाव में दुनियाभर के कई देसों के लोगों की निगाहें तुर्की पर लगी थी। दरअसल एर्दोआन ने मुसलमानों के की मुद्दों पर कुलकर बोला है। ऐसा कहा जाता है कि वो दुनिया में मुसलमानों के बीच सबसे लोकप्रिय नेता हैं।