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19 Oct 2024, Sat

बीजेपी में हार पर रार: मोदी लहर से उठने लगा भाजपाईयों का भरोसा ?

AFTER DEFEAT IN BY POLL BJP TARGET BY THIER LEADER 1 080618

लखनऊ, यूपी

कैराना एवं नूरपुर में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी में रार शुरु हो गयी है। एक दूसरे के ऊपर हार की ठीकरा फोड़ऩे का सिलसिला तेज़ हो रहा है। वहीं जनता के बीच शाख मज़बूत करने के लिए बीजेपी के ही विधायक एवं सांसद प्रदेश की योगी सरकार एवं राज्य इकाई पर उंगली उठाने के साथ धरना प्रदर्शन करने की धमकी दे रहे हैं। इसके अलावा आम जनता तो दूर बीजेपी नेताओं को भी पार्टी के सबसे बड़े आईकान एवं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा उठने लगा है। अब पार्टी के जिम्मेदार नेता ही कार्यकर्ताओं के बीच खुलकर यह कहने लगे है कि मोदी लहर के सहारे रहोगे तो कैराना जैसा हाल होगा।

इसमें कोई दो राय नहीं कि पीएम नरेंद्र मोदी की मैजिक के कारण ही बीजेपी को 2014 के लोक सभा और 2017 के विधान सभा चुनाव में प्रचण्ड बहुमत मिला था। लेकिन अब यूपी सहित पूरे देश में मोदी के मैजिक का रंग फीका पड़ऩे लगा है। बीजेपी की भले ही देश के डेढ़ दर्जन से अधिक राज्यों में हुकूमत हो लेकिन जहां जहां पर चुनाव हो रहे है वहां का पार्टी का ग्राफ कमज़ोर होता जा रहा है। उपचुनाव में भी पार्टी को लगातार विपक्षी दल शिकस्त दे रहे हैं। यूपी के कैराना में हाल में उपचुनाव हुए यहां भी बीजेपी को मात खानी पड़ी। जबकि पीएम मोदी ने मतदान के कुछ घंटे पूर्व कैराना से करीब 40 किलोमीटर दूरी पर सभा की। इसके बावजूद पार्टी को पराजय का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं पार्टी को 2014 की तुलना में करीब सवा लाख वोट कम मिले।

हाल में कानपुर क्षेत्र के सांसदों, विधायकों और ज़िलाध्यक्षों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल पहुंचे। उन्होंनें कार्यकर्ताओं से दो टूक कहा कि मोदी लहर के भरोसे नहीं रहना है वर्ना कैराना जैसा हाल होगा। मतदाता को बूथ तक पहुंचाने कीं कैराना में चूक हुई। इसलिए मतदाता सूची को विधान सभा स्तर पर दुरुस्त कराइए। मतदाताओं को जोडऩे का प्रयास करिये उनके दुख सुख में भागीदार बनिये। वर्ना 2019 में मुश्किल आयेगी। इस तरह बीजेपी के ज़िम्मेदार नेता ही कार्यकर्ताओं को मोदी लहर के भरोसे न रहने की हिदायत दे रहे है। इसका मतलब साफ है मोदी लहर की रफतार कमज़ोर हो गयी है।

वही बीजेपी में हार के बाद रार मची हुई है। पार्टी के ही सांसद एव विधायक बगावती चेहरा अख्तियार किये हुए है। वह अपनी ही सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं। इसी तरह सरकार के एक कैबिनेट मंत्री तो इस हार ठीकरा सीएम योगी सिर फोडऩे पर आमादा है। वहीं सीएम योगी इस हार की समीक्षा सत्ता एवं संगठन दोनों स्तर पर करने की बात कह रहे हैं। उन्हें यह भी मलाल है कि सरकार ने दलितों एवं पिछड़ों के लिए बहुत काम किये पर उसका श्रेय नहीं मिल रहा है जिसे मिलना चाहिए। बहराहल बीजेपी विपक्षी एकजुटता की काट निकालने की हर स्तर पर रणनीति बना रही है। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने एवं जनता की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा इन दिनोंं गांवों में चौपाल लगा रही है। इन चौपालों में इस बार रात्रि विश्राम एवं सामूहिक भोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

नहीं हो रही सुनवाई 
चुनाव में जी जान लगाकर अपने नेता को विधायक एवं सांसद बनाने वाले बीजेपी के ही कार्यकर्ता खासे नाराज़ है। उनका दो टूक कहना है कि जिसे हमने चुनाव जिताया आज उसी से हम नहीं मिल पा रहे हैं। सरकारी अधिकारी नहीं सुनते ऐसे में हम कैसे जनता के कार्य कराए। उनका कहना है कि बीजेपी सत्ता में आने  के बाद अपने मूल कार्यकर्ताओं से दूर होती जा रही है। दूसरे दलों से आये नेता मलाई काट रहे है। भ्रष्टाचार को खत्म कराने का वायदा चुनाव में किया गया था लेकिन हर जगह भ्रष्टाचार पहले ही तुलना में बढ़ गया है। केन्द्र एवं प्रदेश सरकार में सैकड़ों पद खाली है जिनमें कार्यकर्ताओं का मनोनयन नहीं हो रहा है। सरकारी ठेकों में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था होने से सपा के ही लोगों का इन पर कब्जा हो गया है।