Breaking
22 Nov 2024, Fri

कोबरापोस्ट स्टिंग: दो अखबार जिन्होंने पैसा लेने से किया इंकार

COBRAPOST STING IN WEST BENGAL NEWS PAPER 1 270118

नई दिल्ली

कोबरापोस्ट के स्टिंग में 25 मई को ‘ऑपरेशन 136’ का दूसरा पार्ट किया गया। कोबरा की इस तहकीकात में दावा किया गया है कि 27 मीडिया संस्थान पैसों के एवज़ में ख़बरों का सौदा करने को तैयार दिखे है। इसमें केवल दो संस्थान ऐसे भी थे, जिन्होंने अंडरकवर रिपोर्टर द्वारा श्रीमद भगवद गीता प्रचार समिति के नाम पर ‘हिंदुत्व’ की ख़बरें फैलाने के प्रस्ताव को नकार दिया।

इस तहकीकात में देश के बड़े-बड़े मीडिया संस्थान कोबरापोस्ट के राजनीतिक विचारधारा के पक्ष में बड़े बजट के विज्ञापन, जिंगल्स चलाने को तैयार दिखे थे। कोबरापोस्ट के रिपोर्टर ने ‘आचार्य अटल’ बनकर कई मीडिया संस्थानों से बात की थी। इसी कड़ी में वे पश्चिम बंगाल के चर्चित अख़बार “बर्तमान पत्रिका” के सीनियर जनरल मैनेजर (विज्ञापन) आशीष मुखर्जी से मिले। बाकी मुख्यधारा के मीडिया संस्थानों के उलट, आशीष ने किसी भी तरह का धार्मिक कंटेंट प्रकाशित करने से साफ इनकार कर दिया।

मैनेजर आशीष मुखर्जी ने कोबरापोस्ट के रिपोर्टर को मीडिया के आदर्श समझाते हुए कहा कि उन्हें यह पूर्व संपादक सेनगुप्ता ने सिखाया था कि यह ‘संस्थान की आत्मा’ के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सेनगुप्ता कहते थे कि आशीष बाबू, वो विज्ञापन, जो खुद (या किसी अन्य के) भगवान, अच्छा या सर्वश्रेष्ठ होने का दावा करते हैं, को छोड़कर आप हर विज्ञापन लेंगे। यहां आशीष मुखर्जी जिन सेनगुप्ता की बात कर रहे हैं, वो बरुन सेनगुप्ता हैं, जो इस अख़बार के संस्थापक थे। उन्होंने आपातकाल के समय इंदिरा गांधी द्वारा मीडिया को दिए आदेश मानने की बजाय उसके खिलाफ होकर जेल जाना पसंद किया था।

आशीष मुखर्जी इस रिपोर्टर द्वारा फैलाये गए जाल में नहीं फंसे, जो खुद को साधु बताते हुए इस बातचीत को छिपाए हुए कैमरा पर रिकॉर्ड कर रहा था। जब मुखर्जी उसकी बात नहीं मानते तब वह अख़बार के लिए अपना विज्ञापन बजट 1.5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर देने की बात कहता है, जिस पर मुखर्जी कहते हैं, बिल्कुल भी नहीं… ऐसा हो ही नहीं सकता।’

इसके बाद कोबरापोस्ट के अंडरकवर रिपोर्टर ने पश्चिम बंगाल के एक अन्य अख़बार “दैनिक संबाद” के एक अधिकारी से संपर्क किया, जिसे उन्होंने 2019 के आम चुनाव के मद्देनज़र ‘हिंदुत्व एजेंडा’ से जुड़े जिंगल्स प्रकाशित करने की बात की। यह अधिकारी किसी भी धार्मिक मकसद का कोई भी विज्ञापन प्रकाशित करने से इनकार करते हुए कहते हैं, ‘यही हमारी पालिसी है, ये सभी लोगों के लिए है।’

इस मामले पर कोबरापोस्ट की रिपोर्ट कहती हैं कि, ‘उन्होंने हमारे द्वारा बताए गए संगठन का नाम सुनते ही किसी भी तरह के विज्ञापन लेने से साफ मना कर दिया, जो व्यापारिक मामले में भी मीडिया संस्थान के मूल सिद्धांतों पर टिके रहने को दिखाता है।’