लखनऊ, यूपी
प्रदेश में यूनानी पद्धति के चिकित्सकों और छात्रों के लिए बड़ी खबर है। प्रदेश के दोनों राजकीय यूनानी क़ॉलेजों में एमडी यानी पीजी कोर्स के लिए प्रदेश सरकार ने एनओसी जारी कर दी है। इस संबंध में यूनानी निदेशालय ने एमडी से लिए प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। इस संबंध में आयुष विभाग के विशेष सचिव सोबरन सिंह की तरफ से आदेश जारी कर दिया गया है।
यूनानी निदेशालय के निदेशक डॉ सिकंदर हयात ने पीएनएस से खास बातचीत में बताया कि निदेशालय ने साल 2012 में पीजी कोर्स चलाने के लिए शासन से अनुमति मांगी थी। इसके लिए प्रदेश के दोनों राजकीय कॉलेजों में पीजी से संबंधित सभी आवश्यकताएं और संसाधन पूरे कर लिए गए। शासन ने इसकी अनुमति प्रदान करके रास्ता साफ कर दिया है। अब निदेशालय लखनऊ और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एनओसी लेकर केंद्र सरकार को भेजेगी। केंद्र सरकार इसे सीसीआईएम के पास भेजेगा और सीसीआईएम इसकी अनुमति देगा। डॉ हयात ने उम्मीद जताई की इसी साल से ही पीजी में प्रवेश के लिए माननीय मंत्री और सचिव आयुष काफी प्रयास कर रहे हैं और उम्मीद है कि हम इसमें सफल होंगे।
निदेशक डॉ हयात ने बताया कि पीजी के लिए प्रदेश के आयूष मंत्री धर्म सिंह सैनी और आयुष विभाग के सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने त्वरित प्रयास करने के आदेश दिया था। उन्ही के दिशानिर्देश में यूनानी निदेशालय ने सभी आवश्यक अहर्ताएं पूरी की। उन्होंने आगे कहा कि ये पूरे प्रदेश और यूनानी जगत के लिए हर्ष का विषय है कि प्रदेश के लखनऊ के राजकीय तकमिल उत्तिब कॉलेज में तशरीहुल बदन और तहफ्फुज़ी व समाजी तिब विभाग में दो-दो सीट और राजकीय यूनानी कॉलेज, इलाहाबाद में इलाज बित तदबीर और ऐन-उज्ज़-अनफ-हलक व असनान विभाग में दो-दो सीट की मंज़ूरी मिली है।
यूनानी निदेशक में बातचीत में बताया कि इस संबंध में बीयूएमएस डॉक्टर्स एसोसिएशन के सदस्य आयुष मंत्री और सचिव से पीजी कोर्स के लिए लगातार मिलते रहे है। उन्होंने ने इसे आगे बढ़ाने में काफी मेहनत की। डॉ हयात ने उम्मीद जताई कि एसोसिएशन आगे बी अपना सहयोगा देता रहेगा। इसके साथ ही निदेशक ने मीडिया के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।