नई दिल्ली
हाल ही में अन्ना हजारे ने दिल्ली में अनिश्चितकालीन अनशन किया था। अनशन खत्म होने के बाद वह अपने गांव आ गए हैं। अब अन्ना के आंदोलन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। आरोप लगा है कि अन्ना के आंदोलन में नाथूराम गोडसे की रिश्तेदार कल्पना ईनामदार शामिल हुई थी। कल्पना ईमानदार ही अन्ना के दिल्ली में हुए अनिश्चितकालीन अनशन की मुख्य सूत्रधार थीं। इस वजह से अन्ना के आंदोलन के पीछे आरएसएस का हाथ बताया जा रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध जोड़े जाने पर अन्ना हजारे भड़क गए हैं। उन्होंने बदनामी करने वालों को कोर्ट में घसीटने की चेतावनी दी है। अन्ना ने बृहस्पतिवार को अपने गांव रालेगढ़ सिद्धी में कहा कि वह वकीलों से राय ले रहे हैं और बदनामी करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
साथ ही साथ अब अन्ना हजारे ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने कहा कि कल्पना से उनका कभी कोई संबंध नहीं रहा और मैं इससे पहले उनसे कभी नहीं मिला। कल्पना भी उन हजारों लोगों में से एक थी जिन्होंने आंदोलन में हमारा साथ दिया था। अन्ना ने कहा कि कल्पना ईनामदार आंदोलन की प्रमुख नहीं थी।
अन्ना के मुताबिक समन्वय समिति के सभी कार्यकर्ताओं को अलग-अलग काम दिया गया था। इसी तरह कल्पना ईमानदार को भी मंडप व व्यासपीठ की ज़िम्मेदारी दी गई थी। महज हमें बदनाम करने के लिए कल्पना का संबंध नाथूराम गोडसे से जोड़ा गया है। अन्ना ने कहा कि मुझे अपनी बदनामी का फर्क नहीं पड़ता लेकिन इससे समाज और देश का नुकसान होता है। इसलिए यह अपमान बर्दाश्त करने योग्य नहीं है।