नई दिल्ली
राजधानी में देश की 23 भाषाओं के लेखक-लेखिकाओं को साहित्य अकादमी पुरस्कार-2017 से नवाज़ा गया। इन्हीं में शामिल एक लेखक ने अपनी अवार्ड की राशि को एक ऐसी फैमिली को डोनेट किया जिसका बेटा मोब लिचिंग का शिकार हुआ था। हरियाणा के किशोर जुनैद खान की सिर्फ इसलिए पीट पीटकर की गई थी कि वो मुसलमान था। इस हत्या के विरोध में आवाज़ उठाने के लिए मलयालम लेखक केपी रामानुन्नी ने अपने पुरस्कार की एक लाख रुपये की राशि में से महज तीन रुपये अपने पास रखकर बाकी जुनैद की मां को दे दिए।
जुनैद खान पिछले साल जून महीने में ईद पर खरीदारी कर घर लौट रहा था, जब उसे ट्रेन में पीट-पीटकर मार डाला गया था। केपी रामानुन्नी ने कहा कि उन्हें जिस किताब “दाएवाथिंते पुस्तकम” के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। ये किताब सांप्रदायिक सद्भाव पर आधारित है। उन्होंने कहा कि जुनैद को बिना किसी वजह के मार डाला गया था।
केपी रामानुन्नी अवार्ड की राशि लेकर जुनैद के घर गए और उनकी मां से मुलाकात करके उन्हें ये राशि सौंपी। उनके इस कदम को हर तरफ सराहा जा रहा है।