राज्यसभा में तीन तलाक बिल के पास होने के दौरान कई विपक्षी पार्टियों के कई सांसद सदन में अनुपस्थित रहे थे। इसका फायदा बीजेपी को ही मिला और उसने आसानी से यह बिल पास करा लिया। माना जा रहा है कि बीजेपी और एआईएडीएमके व जेडीयू आलाकमान के बीच बनी सहमति की वजह से इन पार्टियों के सांसद सदन से वॉकआउट कर गए।
बीजू जनता दल जहां इस मामले में सरकार के समर्थन में खड़ी नजर आई, वहीं बीएसपी, टीडीपी और टीआरएस के सांसद अनुपस्थित रहे। मुमकिन है कि केंद्रीय एजेंसियों की जांच के घेरे में कई बड़े राजनेताओं का रहना भी इस अनुपस्थिति की वजह बनी। हालांकि, समाजवादी पार्टी के 12 सांसदों में से 6 और दोनों पीडीपी सांसदों के अनुपस्थित रहने की वजह इन पार्टियों के आलाकमान की ओर से जारी कोई आदेश नहीं था। बताया जाता है कि बीजेपी ने हर सांसद से अलग-अलग बात करने की कोशिश की।
वहीं, एक हकीकत यह भी है कि बीजेपी, कांग्रेस और तृणमूल को छोड़कर बाकी पार्टियां आम तौर पर सांसदों को मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी नहीं करतीं। दरअसल, ये पार्टियां नहीं चाहतीं कि उनकी अंदरुनी दरार खुलकर सार्वजनिक हो जाए। बता दें कि बिल पास होने वाले दिन डॉ संजय सिंह समेत कांग्रेस के पांच सांसद भी सदन में मौजूद नहीं थे। संजय सिंह ने इसके ऐन पहले कांग्रेस छोड़ बीजेपी जॉइन कर ली थी।
हालांकि, कांग्रेस ने अपने सांसदों की अनुपस्थिति के लिए उन पर कोई ऐक्शन लेने से इनकार कर दिया था। कांग्रेस पार्टी ने अपने सांसदों की अनुपस्थिति का ठीकरा भी मोदी सरकार पर फोड़ा। कांग्रेस का कहना था कि सरकार ने जानबूझकर देर रात यह जानकारी दी कि बिल अगले दिन आने वाला है। ऐसे में जो सांसद दिल्ली से बाहर थे, वे बिल पेश होने के दौरान उपस्थिति नहीं रह सके।