यस बैंक में आम आदमी के साथ-साथ पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर के भी पैसे फंस गए हैं। आरबीआई के नए आदेश के बाद भक्त और पुजारी दोनों चिंतिंत हैं। यस बैंक की एक शाखा में भगवान जगन्नाथ के नाम से खुले अकाउंट में 545 करोड़ रुपए जमा हैं।
इस मामले पर ओडिशा के मंत्री प्रताप जेना ने कहा है कि जगन्नाथ मंदिर के 592 करोड़ रुपए यस बैंक में जमा हैं। मार्च 2029 में फिक्स डिपॉजिट की अवधि पूरी होग जाएगा। इसका बाद मंदिर प्रबंधन पैसे निकालकर कसी राष्ट्रीय बैंक में जमा कराएगा। पैसे निकालने पर सिर्फ सेविंग अकाउंट पर प्रतिबंध है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के यस बैंक पर रोक लगाते हुए उसके निदेशक मंडल को भंग कर दिया है। इसके अलावा बैंक के जमाकर्ताओं के लिए 50,000 रुपए की निकासी की सीमा तय की है। बैंक के लिए एक प्रशासक की भी नियुक्ति की गई है।
रिजर्व बैंक ने सरकार के साथ विचार विमर्श के बाद जमाकर्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए यह कदम उठाया है। आरबीआई ने यस बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया है। निदेशक मंडल पिछले छह माह से बैंक के लिए जरूरी पूंजी जुटाने में विफल रहा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है।
निर्मला सीतारमण ने दिया भरोसा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यस बैंक के खाताधारकों को भरोसा दिया है कि उनका पैसा नहीं डूबेगा। पीटीआई के मुताबिक शुक्रवार को निर्मला सीतारमण ने कहा कि यस बैंक के मुद्दे को रिजर्व बैंक और सरकार विस्तृत तौर पर देख रहे हैं, हमने वह रास्ता अपनाया है जो सबके हित में होगा।
‘ग्राहकों का नहीं डूबेगा पैसा‘
वहीं मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने भी यस बैंक के ग्राहकों के हितों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि बैंक के जमाकर्ताओं का धन सुरक्षित है और बैंक के पुनर्गठन के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। रिजर्व बैंक के बृहस्पतिवार को यस बैंक पर रोक लगाने और निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग करने के एक दिन बाद सुब्रहमण्यम ने यह बात कही है।