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18 Oct 2024, Fri

National Register of Citizens (NRC) की फाइनल लिस्ट 62 साल के इमान अली के लिए किसी झटके से कम नहीं है। उनके 52 सदस्यों वाले संयुक्त परिवार में से सिर्फ 7 को लिस्ट में जगह मिली है।

अली ने बताया, ‘सुबह करीब साढ़े 10 बजे, मैं गांव के बाजार में स्थित दुकान पर गया, जहां लैपटॉप था ताकि एनआरसी की वेबसाइ पर अपने बारे में पता कर सकूं। पता चला कि हमें बाहर कर दिया गया है।’  अली हातिशाला लोकल मार्केट कमेटी के पूर्व प्रेसिडेंट हैं। फिलहाल किसानी कर गुजर बसर कर रहे अली ने बताया, ‘बीते दो सालों से मैं एनआरसी के लिए प्रचार करने वाले स्थानीयों में सबसे सक्रिय लोगों में से एक था। मैं लोगों को आवेदन करने के लिए कह रहा था।

इसके अलावा, दस्तावेज पूरी करने और सुनवाई में भी मदद कर रहा था।’  अली के मुताबिक, समस्या उनके पिता के नाम की वजह से हुई। उन्होंने बताया, ‘उनका असली नाम जोयानुद्दीन शेख था। हालांकि, एनआरसी में हमने जो 1966 का वोटर्स लिस्ट लगाया, उसमें यह जोरानुद्दीन शेख लिखा था। पहले हम सभी शामिल थे। एनआरसी के ड्राफ्ट में हम 52 में से सिर्फ 4 को ही बाहर किया गया था।’

अली के सबसे बड़े बेटे और पेशे से ट्रैक्टर चालक मिजानुर रहमान ने बताया कि उनके और उनके दो चचेरे भाइयों और एक चाचा के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया, ‘हम आपत्ति के खिलाफ सुनवाई के लिए गए। हालांकि, आपत्ति करने वाला नहीं आया और हमें तो यह भी नहीं पता था कि किस शख्स ने आपत्ति दर्ज कराई है।

सुनवाई के दौरान हमसे पूछा गया कि दस्तावेज में ‘जोयानुद्दीन’ और ‘जोरानुद्दीन’ का फर्क क्यों है। हमें समस्या का आभास हुआ। हमने बताया कि हमारे पास जमीन से जुड़ा 1964 का एक दस्तावेज है, जिसमें हमारे दादा का नाम जोयानुद्दीन है, जो सही है। हालांकि, उन्होंने इसे नहीं माना।’   बता दें कि फाइनल ड्राफ्ट में शामिल 2.89 करोड़ लोगों में से 2 लाख लोगों के खिलाफ आपत्तियां दर्ज कराई गई थीं। आपत्ति दर्ज कराने की प्रक्रिया पर सवाल भी उठे थे।

दरअसल, कई रिपोर्ट्स में यह सामने आया था कि आपत्ति दर्ज कराने वाले बहुत सारे लोग सुनवाई के दौरान पहुंचे ही नहीं।   अली ने कहा, ‘पूरी प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों को देखिए। मेरे एक बेटे असीरुद्दीन और उसके दो बेटों को शामिल किया गया है। लेकिन असीरुद्दीन की दो बेटियों को बाहर कर दिया गया। मेरे परिवार के जिन 45 लोगों को बाहर कर दिया गया, उनमें से बहुत सारे बच्चे हैं। क्या हम सबको ट्रिब्यूनल में ले जाएंगे? क्या वे हमें हिरासत में रखेंगे।’

 

By #AARECH