फरियाद मेकरानी
सिद्धार्थनगर, यूपी
बीएसपी ने दलित-मुस्लिम गठजोड़ करके सत्ता हासिल करने की रणनीति पर अमल करते हुए इस बार टिकट दिया है। सपा में चल रहे उठापटक को देखते हुए बीएसपी की नज़र इस बार मुस्लिम वोटों पर टिकी है। पार्टी ने सिद्धार्थनगर की 5 विधान सभा सीटों में तीन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। बीएसपी के इस फैसले से पूरे ज़िले में राजनीतिक गणित फैल हो गया है। इसके साथ ही मौजूदा दूसरी पार्टी के विधायकों को नई रणनीति बनानी पड़ रही है।
बीएसपी की तरफ से जारी तीसरी लिस्ट में ये चौकाने वाले नाम आएं हैं। पार्टी ने सिद्धार्थनगर ज़िले की पांचों विधान सभा सीट पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। इसमें शोहरतगढ़ विधान सभा सीट से जमील सिद्दीकी को टिकट दिया गया है। जमील सिद्दीकी हाल ही में सपा से बीएसपी में शामिल हुए हैं और वह नगर पालिका के चेयरमैन हैं। जमील सिद्दीकी ने चुनाव की तैयारी काफी पहले से शुरु कर दी है और अब वो खुलकर ताल ठोककर मैदान में आ गए हैं।
ज़िले की इटवा विधान सभा सीट से हाजी अरशद खुर्शीद को पार्टी ने मैदान में उतारा हैं। इटवा से विधायक माता प्रसाद पांडेय हैं जो मौजूदा विधान सभा अध्यक्ष हैं। दलित-मुस्लिम गठजोड़ की वजह से माता प्रसाद पांडेय को नई रणनीति बनानी पड़ रही है। हालांकि यहां पर आम आदमी पार्टी के नेता बदरे आलम ने ज़रूर समाजवादी पार्टी का दामन थामा है पर इससे पार्टी को कितना फायदा होगा ये तो वक्त बताएगा।
डुमरियागंज सीट से बीएसपी ने मुस्लिम महिला उम्मीदवार सैय्यदा खातून को मैदान में उतारा है। सैय्यदा खातून काफी समय से चुनाव की तैयारी कर रही थी। इस सीट पर मौजूदा विधायक कमाल यूसुफ मलिक हैं जो पहले पीस पार्टी से चुनाव जीते थे और बाद में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। इस बार अगर समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट देती है तो कमाल यूसुफ को भी बड़ी चुनौती मिलने की संभावना है।
ज़िले की दो अन्य सीटों में से कपिलवस्तु विधान सभा सीट (सदर, सुरक्षित) पर चंद्रभान पहलवान को बीएसपी ने मैजान में उतारा है जबकि बाँसी विधान सभा सीट से लालचंद निषाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। सदर पर मौजूदा विधायक समाजवादी पार्टी के हैं जबकि बांसी से बीजेपी ने जीत हासिल की थी।