लखनऊ, यूपी
संसदीय इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सत्ता पक्ष के विधायक खुद की पार्टी पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं इसके खिलाफ एक साथ लगभग 200 से अधिक विधायक आवाज दबाये जाने का आरोप लगाया और खुद की पार्टी के खिलाफ सदन में धरना पर बैठे।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर के कथित उत्पीड़न को लेकर भाजपा के विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ मंगलवार को सदन के भीतर धरने पर बैठ गए हैं। इस दौरान उन्हें सपा के विधायकों का भी पूरा समर्थन मिला। विधायक नंद किशोर के समर्थन में विधायकों के बीच एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया है, जिसी सीएम योगी को सौंपे जाने की बात कही गई थी। हालांकि जिस समय विधायक धरने पर बैठे उस समय सीएम योगी जा चुके थे।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सदन में चर्चा कर केन्द्र को प्रस्ताव भेजे जाने पर अड़े विपक्षी सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया कि इस बीच गाजियाबाद में लोनी के विधायक नंद किशोर गुर्जर अपनी जगह खड़े हो गये और कुछ कहने की अनुमति मांगने लगे।
दीक्षित ने इससे इंकार करते हुये उनसे बैठ जाने को कहा लेकिन विधायक उनकी बात को अनसुना करते हुये अपनी खड़े रहे। इस दौरान सदन में वापस लौटे विपक्षी सदस्यों की नजर गुर्जर पर पड़ी और वे उनके समर्थन में लामबंद हो गये।
इस बीच संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने भी विधायक को इशारे से बैठ जाने को कहा लेकिन हाथ में एक पर्चा थामे विधायक बोलने की अनुमति मांगते रहे। इस दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य वेल पर आकर विधायक के समर्थन में नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि सदन में जब सत्ता पक्ष के सदस्य को ही कुछ कहने की अनुमति नही है तो विपक्ष की क्या सुनी जायेगी। विपक्षी ‘सदस्य को न्याय दो’ के नारे लगा रहे थे।
वहीं इस मामले को लेकर विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि उनके दल के विधायक एक विधायक के सम्मान और समर्थन में बैठे हैं। वे जब तक सदन में रहेंगे हमारे विधायक भी उनके साथ रहेंगे।
यह है मामला
दरअसल बीते बुधवार को लोनी में तैनात फूड इंस्पेक्टर आशुतोष सिंह का एक वीडियो सामने आया था। जिसमें आरोप है कि विधायक नंद किशोर ने कार्यालय बुलाकर मीट के होटलों के लाइसेंस न बनाने का दबाव डाला था। इसके बाद ही भाजपा ने लोनी से विधायक नंद किशोर गुर्जर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने विधायक नंद किशोर से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। विधायक पर यह कार्रवाई उनके खिलाफ मिल रही शिकायतों और मीडिया में आए उनके वक्तव्यों के आधार पर की गई है।
गाजियाबाद के एसपी नीरज जादौन की संस्तुति पर विधायक व उनके साथियों पर आईपीसी की धारा 147, 148, 323, 504, 506 और 332 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
विधायक ने अपनी हत्या की आशंका जताई थी
दूसरी तरफ, विधायक ने सीएम योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख कर कहा था कि उनपर ऐसी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, जिससे वे आजीवन जेल में रहें और उनका जीवन सुरक्षित रह सके, क्योंकि कुछ लोग उनकी हत्या कराना चाहते हैं। पत्र में उन्होंने जिलाध्यक्ष व पूर्व नगर पालिका चेयरमैन पर भी आरोप लगाए कि ये लोग अधिकरियों से सांठगांठ कर उनकी छवि को बदनाम करने का काम कर रहे हैं।