शामली
जिस मेट्रो रेल का मॉडल बड़े-बड़े इंजीनियर बनाते हैं। उसी मॉडल को दसवीं का एक छात्र बना दे तो सुनने में थोड़ा अटपटा लगता है, लेकिन यह सच है। यूपी के शामली जिले के रहने वाले दसवीं के छात्र अब्दुल समद ने यह कारनामा कर दिखाया है। उसने मेट्रो ट्रेन का एक ऐसा डेमो तैयार किया है, जो बाकायदा डीसी करंट से चलती है। इसे देखकर अच्छे-अच्छे टेक्निकल स्टूडेंट भी दांतों तले उंगली दबा रहे हैं। समद के इस कारनामे से खुश होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उसे 5 लाख रुपये ईनाम दिया।
यूपी के शामली जिले के गांव कैंडी बाबरी में सईद के 14 वर्षीय बेटे अब्दुल समद ने कम संसाधनों के बावजूद यह नायाब कारनामा कर दिखाया है। उसने मेट्रो ट्रेन और उसका ट्रैक बनाकर एक अनोखी मिसाल पेश की है। समद गरीब परिवार से है और उसके पिता दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं।
समद गांव के इंटर कॉलेज में दसवीं का छात्र है। बचपन से ही उसे कुछ नया करने का शौक रहता था। आर्थिक तंगी के चलते वो अपने सपनों को पर नहीं लगा पा रहा था। यही वजह है कि गांव के निम्न स्तर के संसाधनों से तैयार किए गए इस डेमो में रेल की पटरी लकड़ी की बनाई गई है। उसके नीचे लकड़ी के पोल लगाए गए हैं और ऊपर तांबे के दो तार लगाए गए हैं, जिसमें डीसी करंट दौड़ता है। इस ट्रेन के इंजन इस दोनों तारों से टच होकर उसी तरह से चलते हैं जैसे हूबहू मेट्रो ट्रेन ट्रैक पर सरपट दौड़ रही हो।
समद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपना प्रेरणा स्रोत मानता है। इसके घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। इस वजह से यह छात्र अपनी पढ़ाई गांव के ही स्कूल में पूरी कर रहा है। उसकी चाहत है कि यदि उसे सरकार की ओर से मदद मिले और उसकी शिक्षा उच्च स्तर पर हो तो ये देश के लिए और बड़े अविष्कार कर सकता है। “पीएनएस” इस नौजवान की हौसला आफज़ाई करती है।