अयोध्या विवाद में शनिवार को फैसला आने के बाद देश में अमूमन शांति का माहौल रहा। उत्तर प्रदेश के मेरठ जोन में मुस्लिम बहुल इलाकों में शांति भंग करने की कोशिश जरूर हुई लेकिन पुलिस ने उसे नाकाम कर दिया।
एक माह के अथक प्रयासों के कारण ही शनिवार को मेरठ जोन के सभी जनपदों में पूर्णरूप से शांति व्यवस्था कायम रही। कुल 10 गिरफ्तारी की गई हैं। सभी को शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में आईपीसी की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया गया।
मेरठ जोन में कई ऐसे जिले हैं जो मुस्लिम बाहुल्य जिले हैं। मेरठ जोन में पश्चमी उत्तर प्रदेश के भी कई जिले शामिल हैं। मेरठ जोन में नोयडा भी आता है जहां से पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार किया। कई बेहद संवेदनशील जिले भी मेरठ जोन में आते हैं जहां पुलिस ने पहले से भारी फोर्स तैनात की और साथ ही साथ सभी धर्मगुरुओं से संपर्क साध कर शांति की अपील करवाई गई, जो बेहद असरदार रही।
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा उत्तर प्रदेश पुलिस सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है। हमने सोशल मीडिया की भी पूरे दिन मॉनिटरिंग की और अभी भी कर रहे हैं। किसी को भी कानून तोड़ने और शांति भंग करने पर बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि देश के सबसे पुराने केस में से एक अयोध्या विवाद पर शनिवार को फैसला आ गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया तो वहीं रामलला का हक माना गया है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। फैसला आने के बाद हालात न बिगड़े, इसके लिए एहतियातन कदम उठाए गए।