फ़ैसल रहमानी
जयपुर
राजस्थान सरकार ने एक नया निर्देश जारी किया है। इस निर्देश में 25 सितंबर को जनसंघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन पर सभी सरकारी और प्राईवेट कॉलेजों में रक्तदान शिविर आयोजित करने का आदेश दिया गया है। इस आदेश से राज्य के मुसलमान नाराज़ हैं। दरअसल 25 सितंबर को ही मुसलमानों का ईद-उल-अज़हा का त्योहार हो सकता है।
रक्तदान शिविर आयोजन की तारीख़ ईद-उल-अज़हा यानी बक़रीद के दिन ही पड़ रही है, जिसके चलते हजारों मुस्लिम कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द हो जाएंगी। सभी सरकारी और प्राईवेट कॉलेजों के प्रधानाध्यापकों को राज्य सरकार की तरफ से जारी सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वह 24 सितंबर को किसी भी कर्मचारी को छुट्टी न दें। राजस्थान सरकार के इस निर्देश से मुसलमानों में काफी रोष देखा जा रहा है। राज्य में मुसलमानों के कई संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ संगठनों ने राज्य सरकार से इस निर्देश को वापस लेने की मांग की है। यही नहीं राज्य की बीजेपी सरकार के इस आदेश के खिलाफ कोर्ट जाने पर विचार कर रहे हैं।
राजस्थान की बीजेपी सरकार के इस फैसले को लेकर विपक्ष ने भी कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस का कहना है कि वसुंधरा राजे की बीजेपी सरकार जानबूझ कर राज्य के धर्मनिरपेक्ष माहौल को खराब करने की कोशिश कर रही है। वहीं जमात-ए-इस्लामी हिंद के नेशनल सेक्रेटरी सलीम इंजीनियर का कहना है कि यह मुस्लिम कर्मचारियों के मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। ईद-उल-अज़हा मुस्लिमों के प्रमुख त्योहारों में से एक है, और यह आयोजन लोगों को उनका त्योहार मनाने से रोक रहा है। हालांकि उनका कहना है कि यह स्वैच्छिक है, लेकिन सर्कुलर में स्पष्ट लिखा हुआ है कि किसी को भी छुट्टी न दी जाए। सलीम इंजीनियर ने कहा कि वह इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाएंगे।