अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने मदरसों में कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने संबंधी योजना आज पटना में प्रायोगिक तौर पर शुरु की। इस योजना में मदरसों, मकतबों, मठों और अन्य परम्परागत शैक्षणिक संस्थानों के अल्पसंख्यक समुदाय को कौशल प्रशिक्षण के साथ जोड़ा जाना शामिल है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्लाह और केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने इस योजना की शुरुआत की। इस अवसर पर संयुक्त रूप से मदरसा इदार-ए–शरिया, सुल्तानगंज, मदरसा अंजुमन इस्लामिया और मदरसा इस्लामिया अंजुमन रफाकल मुस्लीमीन, मोतीहारी में रिमोट वीडियो लिंक के जरिये कौशल प्रशिक्षण केंद्रों उद्घाटन किया गया।
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय अकादमी ने परियोजना को शुरु करने, इन तीन मदरसों में कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए कौशल विकास और उन्नत प्रशिक्षण संचालित करने संबंधी इस प्रायोगिक परियोजना के लिए 3.60 करोड़ रुपये के बजट दिया है।
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय अकादमी मदरसों, मकतबों, मठों और अन्य परम्परागत शैक्षणिक संस्थानों को, जिनके पास परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ सहयोग के लिए खुली जगह या इमारतें मौजूद हैं, उनमें ये केंद्र बनाया जाएगा। ये प्रशिक्षण केंद्र पहले से बनाए गए मापदंड के हिसाब से ही विकसित किये जाएंगे। परंपरागत शैक्षणित संस्थानों के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का प्रारंभ देशभऱ में गति, पैमाने और मापदंड़ो के साथ अल्पसंख्यक समुदाय को हुनरमंद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अकादमी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की गुणवत्ता, विश्वसनीयता और वृद्धि की संभावनाएं सुनिश्चित करने के लिए समग्र वास्तविक निगरानी और आकलन का प्रारूप विकसित किया है।
मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय अकादमी ने कारोबारी सलाहियत नामक एक कॉल सेंटर की भी स्थापना की है जिसका उद्देश्य नव प्रशिक्षित उद्यमियों को सहायता और सहयोग करना है। यह कॉल सेंटर प्रशिक्षुओं को मंच भी मुहैया कराएगा ताकि वे अपने उत्पाद का प्रचार भी कर सकें, उत्पादों का कैटलॉग तैयार कर सके और उसे ई-विपणन के लिए वेबसाइट पर प्रदर्शित कर सकें।
बिहार में जल्द ही विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने इस योजना की शुरुआत करने के लिए पटना शहर को चुना है।