Breaking
23 Dec 2024, Mon

दर्द या दबाव- मुनव्वर राना ने साहित्य अकाडमी अवार्ड लौटाया

लखनऊ

उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने एबीपी न्यूज़ चैनल के शो के दौरान साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाने का एलान कर दिया। शायर मुनव्वर राना ने अवार्ड के साथ एक लाख का चेक भी लौटा दिया। इसके साथ ही मुनव्वर राना ने एलान किया कि अब वह भविष्य में कभी कोई सरकारी अवॉर्ड नहीं लेंगे।

उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने कहा कि साहित्यकारों और लेखकों को किसी न किसी पार्टी से जोड़ा जा रहा है। किसी को कांग्रेसी तो किसी को भाजपाई कहा जा रहा है। मैं मुसलमान हूं मुझे पाकिस्तानी भी करार दिया जा सकता है। इस देश में बिजली के तार नहीं जुडे हैं, लेकिन मुसलमानों के तार दाऊद इब्राहीम से जोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वह 10 अक्टूबर को पाकिस्तान जाने वाले थे लेकिन इन्हीं वजहों से उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया।

181015 MUNAWWAR RANA RETURN AWARD 2

 

दो दिन पहले का बयान
अभी दो दिन पहले ही मुनव्वर राना ने कहा था कि विरोध में अवार्ड वापसी का यह तरीका गलत है। उन्होंने कहा था कि इसका मतलब है कि वे थक चुके हैं और उन्हें अपनी कलम पर भरोसा नहीं है। मुनव्वर राना ने कहा था कि लेखक का काम समाज को सुधारना है। हमें समाज की चिंता करनी चाहिए। मुनव्वर राना ने कहा था कि जिन घटनाओं के विरोध में सम्मान लौटाए जा रहे हैं, वे समाज के अलग-अलग समूहों ने की हैं। उन्होंने कहा कि हमारा विरोध समाज के उन लोगों से है, न कि हुकूमत से।

181015 MUNAWWAR RANA RETURN AWARD 3

 

अवार्ड वापसी के लिए बना दबाव
शायर मुनव्वर राना पर लगातर दबाव बनाया जा रहा था कि वह अपना अवार्ड वापस कर दें। सोशल मीडिया के माध्यम से भी लगातार शायर मुनव्वर राना से साहित्य एकाडमी अवार्ड वापस करने की मांग की जा रही थी। अवार्ड वापसी की मांग को एक मुहिम की तरह चलाया गया। शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने बाकायदा मांग की थी कि मुनव्वर राना अपना अवार्ड वापस कर दें। सोशल मीडिया पर सक्रिय कुछ लोगों ने मुनव्वर राना पर सवाल भी उठाया था। यही नहीं कई लोगों ने शायर मुनव्वर राना के खिलाफ अनाप-शनाप भी लिखा। इसके बाद शायर मुनव्वर राना ने इसका जवाब दिया था कि क्या हमारी कलम इतनी बूढ़ी हो चुकी है कि अब हम एवार्ड वापस करें। उनके जवाब से लगा था कि अवार्ड वापसी के लिए चलाई जा रही मुहिम से वह काफी आहत थे।

साहित्य अकाडमी अवार्ड
उर्दू के मशहूर शायर मुनव्वर राना ने कई किताबें लिखी हैं। मां पर शायरी के लिए उन्हें खास पहचान मिली। मुनव्वर राना को साल 2014 में उनकी किताब ‘शाहदाबा’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू भाषा) से नवाज़ा गया था।

अवार्ड लौटाने की शुरुआत
कन्नड़ साहित्यकार एम एम कलबुर्गी की हत्या और दादरी में मोहम्मद अखलाक की हत्या के बाद सबसे पहले साहित्यकार नयनतारा सहगल ने इस तरह की घटनाओं को रोकने में सरकार की नाकामी के खिलाफ साहित्य अकादमी अवार्ड लौटाया था। उनके बाद अशोक वाजपेयी, उदय प्रकाश, के. सच्चिदानंद, मंगलेश डबराल, राजेश जोशी, सारा जोसेफ समेत अब तक 24 साहित्यकारों ने साहित्य अकादमी को पुरस्कार लौटा दिया है। सांप्रदायिक माहौल की वजह से साहित्य अकादमी पुरस्कारों की वापसी के सिलसिले के बीच दिलीप कौर तिवाना पहली साहित्यकार हैं जिन्होंने पद्मश्री अवार्ड लौटा दिया है।