नई दिल्ली/लखनऊ
मुल्क के कई मुफ्ती, इमाम और इस्लामी विद्वानों ने पश्चिम एशिया के आतंकवादी संगठन आईएस के नेताओं, लड़ाकों और समर्थकों के खिलाफ फतवा जारी किया है। आलिमों ने आतंकवादी संगठन आईएस की गतिविधियों को इस्लाम के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया। सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुर रहमान ने दावा किया कि ये इस फतवे में एक हज़ार से ज़्यादा मुफ्ती, इमाम और इस्लामी विद्वानों ने दस्तखत किया है। दूसरी तरफ लखनऊ के मशहूर इस्लामी मदरसा दारुल उलूम फरंगी महली ने भी आईएस के खिलाफ एक फतवा जारी किया है।
मुंबई के इस्लामिक डिफेंस साइबर सेल के अध्यक्ष अब्दुर रहमान अंजारिया ने एक बयान जारी किया है जिसमें कहा है कि पिछले कुछ महीनों में उन्होंने मुस्लिम विद्वानों और आलिमों के फतवों को इकठ्ठा किया है। इन फतवों में कहा गया है कि इस्लाम हिंसा से सख्त परहेज करता है, जबकि आईएस हिंसा को बढ़ावा दे रहा है। इन फतवों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की गई है कि आईएस जैसे आतंकवादी गिरोह को खत्म करने के लिए तुरंत कदम उठाना ज़रूरी है। इसकी वजह बिल्कुल साफ है, ये संगठन मध्य एशिया के पूरे इलाके में मारकाट मचाए हुए है, और इसकी पहुंच दक्षिण एशियाई मुल्कों की तरफ बढ़ रही है।
इस फतवे पर शाही इमाम अहमद बुखारी, अजमेर शरीफ दरगाह, हजरत निजामुद्दीन दरगाह, जमीअते उलमा हिंद, जमीयते एहले हदीस (मुंबई), मोइनुद्दीन कचहचा शरीफ, रजा एकेडमी समेत सैकड़ों मजहबी संस्थाओं ने अपने दस्तखत किए हैं। एक फतवे में मुंबई की इस्लामिक संस्था के मंजर हसन खान अशरफी मिस्बाही ने कहा कि आईएस की तरफ से जो गतिविधियां चलाई जा रही हैं, उसका न तो इस्लाम से कोई संबंध है, और न ही उसका समर्थन किया जा सकता है।
मुफ्ती, इमाम और इस्लामी विद्वानों की तरफ से जारी ये फतवा 15 हिस्सों में हैं। इन फतवों की प्रतियां यूएन महासचिव बान की मून और दुनिया के दूसरे नेताओं के पास भेजी गयी हैं, ताकि उन्हें आईएस की गतिविधियों पर भारतीय मुसलमानों के विचारों से अवगत कराया जा सके। अंजारिया ने दावा किया कि 1050 से ज़्यादा भारतीय मुफ्ती, इमाम, इस्लामी विद्वानों और धर्मगुरूओं ने आईएस के खिलाफ फतवा जारी किया है। इन फतवों में साफ तौर पर कहा गया है कि आईएस के विचार ‘गैर इस्लामी और अमानवीय’ हैं। इसे कत्तई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
दूसरी तरफ लखनऊ के मदरसा दारुल उलूम फरंगी महली के नाजिम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी आईएस के खिलाफ फतवा दिया है। इस फतवे के बारे में मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि लखनऊ के साजिद उमर जीलानी ने 16 अगस्त को फरंगी महल के दारुल इफ्ता विभाग से पूछे गए सवाल के जवाब में आईएस के खिलाफ फतवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि फतवे में आईएस की गतिविधियों को इस्लाम की बुनियादी शिक्षा के खिलाफ बताया हैं। इस्लाम किसी भी बेगुनाह को कत्ल करने की इजाजत नहीं देता है। अल्लाह ने कुरान शरीफ में साफ तौर पर फरमाया है कि किसी भी इंसान का बेवजह कत्ल करना पूरी इंसानियत का कत्ल करने के बराबर है।
मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि पैगम्बर-ए-इस्लाम मुहम्मद साहब ने फरमाया है कि तुम जमीन वालों पर रहम करो तो अल्लाह तआला तुम पर रहम करेगा। इस वजह से आईएस के लोग इस्लाम के नाम पर जो जुल्म, हिंसा और बर्बरता का प्रदर्शन कर रहे हैं, उसकी इस्लाम में कोई गुंजाइश नहीं है। उनकी इन हरकतों से पूरे एशिया पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। सऊदी अरब और हिंदुस्तान भी उसकी जद में हैं।