किशनगंज
एमआईएम के उपाध्यक्ष और तेलंगाना में पार्टी के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी बिहार पहुंच गए हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी यहां पार्टी की तरफ से आयोजित रैली में शिरकत करने आएं हैं। एमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी 4 अक्टूबर को बिहार के चुनावी बिगुल में एमआईम की अपनी पहली रैली को संबोधित करेंगे। अकबरुद्दीन की ये रैली बिहार के ज़िले किशनगंज में हो रही हैं। इस रैली पर एनडीए और जेडीयू के नेतृत्व वाले दोनों गठबंधनों की निगाहें लगी हैं। पूर्व विधायक अख्तरुल ईमान के नेतृत्व में रैली की तैयारियां ज़ोरो पर हैं।
बिहार विधान सभा का चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी दल ज़ोर आज़माइश में लगे हैं। यहां मुख्य मुकाबला दो गठबंधनों के बीच है। एक तरफ जेडीयू के नेतृत्व में आरजेडी, कांगेस हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाला 6 दलों का एनडीए गठबंधन। तीसरा मोर्चा बनाकर सपा भी चुनाव मैदान में है। ऐसे में अकबरुद्दीन ओवैसी की होने वाली रैली पर सभी की निगाहें हैं। एमआईएम के चुनाव में उतरने का एलान पहले ही पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी कर चुके हैं। इस रैली में जुटने वाली भीड़ से अंदाज़ा लगेगा कि बिहार में एमआईएम का जनाधार कितना बड़ा है। एमआईएम रणनीति के तहत सीमांचल की मुस्लिम बहुल्य चुनिंदा सीटों पर ही चुनाव लड़ रही हैं।
एमआईएम के हर अगले कदम पर सबसे ज़्यादा जेडीयू गठबंधन की निगाहें है। ये गठबंधन मुस्लिम वोट के सहारे दोबारा सत्ता में आने की कोशिश कर रहा है। एमआईएम के बिहार विधान सभा का चुनाव लड़ने के एलान के बाद सीमांचल के सारे समीकरण बदल गए हैं।
एमआईएम सदर और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी बिहार में 16 अगस्त को पार्टी की पहली रैली करके चुनाव में जाने का संकेत दे चुके थे। ओवैसी अपनी पार्टी का लगातार विस्तार कर रहे हैं। महाराष्ट्र में पार्टी को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद पार्टी का हौसला बुलंद हैं। वहीं दूसरी तरफ इस जीत ने सबका ध्यान पार्टी की तरफ खींचा है। उसके बाद पार्टी की निगाहें यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड समेत कई राज्यों की तरफ है। यूपी में रैली के लिए ओवैसी को कई बार शासन ने अनुमति देने से मना कर दिया हैं।